Sunday, January 10, 2016

गुजरात के मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी ने अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) केलीये आरक्षण (अनामत) की गोसणा की तब आरक्षण विरोधी लोगों ने आगजनी ओर फसाद सुरु कर दिया

गुजरात के मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी ने अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) केलीये आरक्षण (अनामत) की गोसणा की तब आरक्षण विरोधी लोगों ने आगजनी ओर फसाद सुरु करदिया इस फसाद के पिछे माधवसिंह सोलंकी सरकार का हाथ था , ।
यह बात इंदिरा गांधी ने माधवसिंह सोलंकी को मुख्यमंत्री पद से ना हटाकर सिध की । 
क्यु की सन 1981 में चलाये गये आरक्षण विरोधी आंदोलन के समय में माधवसिंह सोलंकी ही मुख्यमंत्री थे तथा उस समय उनका पद कायम रखा गया ।
लेकिन अब माधवसिंह सोलंकी ने अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के लोगों को शैक्षणिक सुविधाएं जाहिर की तब इंदिरा गांधी ने माधवसिंह सोलंकी को मुख्यमंत्री पद से निकाल दिया ।
 इन सब बातों से अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) का समाज कोग्रस के विरोध में गया , यह नुकसान की भरपाई करने के लिए कोग्रस ओर RSS ने मिलकर विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से रथ यात्रा निकाली । 
इस रथ यात्रा का नतिजा यह हुवा की अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की नाराजगी दुर होगई ओर फिरसे ब्राह्मणवाद के जासे में आगये । 

ब्राह्मण जब फसाद करवाता है तो  SC.ST.OBC को हिंदु के नामपर एक कर फसाद को अंजाम देता है , ओर जब फसाद करवा लेता है उसके बाद उनकी जाती के नामपर अलग - अलग कर के उनको अधिकारों से वंचित कर देता है , 
जब SC.ST.OBC के लोग अधिकार की मांग करते हैं बत वे SC.ST.OBC के लोगों को आपस में ही लडवा देता है , 
यह है ब्राह्मणवाद " 

2015 में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन में बहोत बडा सडीयंत्र नजर आता है , 

  ऐक ---- गुजरात में पाटीदारो की 15% आजादी है इस से ब्राह्मणो को डर लगता है यदी गुजरात के पाटीदारो ने अपनी राजनैतिक पाटीॅ बनाली तो गुजरात में दुसरी बार ब्राह्मणो की सरकार नही बनसकती यु पी , बिहार , की तरह यह भी ब्राह्मणों को पता है . 
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यह भविष्य की सोच होसकती है ब्राह्मणो की । 

दुसरा -- आरक्षण विरोधी माहोल बनाकर संविधान विरोधी माहोल को आग देना ब्राह्मणो को भारत का संविधान बिलकुल अच्छा नही लगता बार-बार संविधान बदलने की बात कर चुके हैं ब्राह्मण।
संविधान बदल ने केलिए लोकतंत्र में टुथड मेजोरेटी चाहिए जो हमारे लोगों को बहका फुसका कर लिजासकती है ।

मेने पहले ही कहा कि हमारे लोगो को हमारे सामने लडवा सकता है ब्राह्मण । यह हुआ गुजरात में । 


जय मुलनीवासी🔪

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