Sunday, January 10, 2016

रोज-रोज का ये रोना-धोना बंद करो


जनहित मे जारी
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रोज-रोज का ये रोना-धोना बंद करो 
रोज-रोज का ये रोना-धोना बंद करो 

🙏

 मैं दलित हूँ।
 मैं मूल पिछड़ा हूँ।
 मैं पिछड़ा , दलित IAS , IPS अफसर , MP , MLA ,  जिला प्रमुख , मंत्री...हूँ ।

मैं बेचारा हूँ।
मैं गरीब हूँ।
मैं मर गया बाबा।
मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं।
मुझ पर दया करो बाबा।
मुझे कुछ दे दो।
मेरे साथ अन्याय हो रहा है।
 आदि-आदि...


भिखारी की तरह....
रोते हो शर्म करो।


 मेरे साथ छुआ-छूत की जा रही है

क्योंकि  ** मैं दलित हूँ ** 


अब क्यों रोते हो ?

तुम कलेक्टर बनें तब भी रोते रहे।

तुम DGP बनें तब भी रोते रहे। 

तुम MP , MLA बनें तब भी रोते रहे।

तुम इस देश के मंत्री बने तब भी रोते रहे।

तुम जिला प्रमुख बनें तब भी रो रहे हो।

क्यों...? 

बताओ तो क्यों रो रहे हो?

 मैं बताता हूँ कि तुम क्यों रोते हो?

समाज के गद्दार हो तुम लोग....
दोगले लोग हो तुम...
इसलिए रोते हो तुम लोग।


बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के असली वारीश नहीं हो तुम लोग।

इसलिए रोते हो तुम लोग।

 तुम कलेक्टर बने

पिछड़े-*दलित* समाज पर अत्याचार हुआ

तुम चुपचाप देखते रहे...
तुम चुपचाप सुनते रहे...

तुम दुसरे उच्च जाति के समक्ष उच्च जाति अधिकारीयों की सुनते रहे।

बाबा साहेब के बनाये कानून को नहीं पढ़ा..

उस कानून की तरफ मुहँ करके सोये ही नहीं तुम लोग..

तुम तो उनकी तरफदारी करते रहे जो उच्च अधिकारी उच्च जाति के थे।

क्योंकि तुम लोग हिन् भावना से ग्रषित लोग हो....

हिन् भावना कूट-कूट कर भर दी।
तुम्हारे दिल और दिमाग में....

तुम नफरत करते रहे कलेक्टर बनकर अपने ही भूखे-नंगे समाज से।

क्योंकि तुम स्वार्थी बन बेठे।
क्योंकि तुम दोगले हो गये।
क्योंकि तुमने देश का सर्वोतम पद पा लिया था । 

तुम अहंकारी बन बेठे।

अपनी जात तक को बदल दिया
तुमने।


इसलिए रोते हो तुम

तुमने कलेक्टर होते हुए भी....

तुम DGP होते हुए भी...

तुम MP , MLA और मंत्री होते हुए भी अपने समाज पर हो रहे अत्याचार को नहीं रोक सके...

तुम आदेश नहीं दे सके जो तुम दे सकते थे....

तुम्हें कानून को नहीं पढ़ा....

वो कानून जो तुम्हें अपने समाज पर हुए अत्याचार को रोक सकता था...

अत्याचारी को सज़ा दिलवा सकता था....

उस कानून से तुमने आँख ही नहीं मिलाई....

जो बाबा साहेब ने सिर्फ तुम्हारे लिए और सिर्फ तुम्हारे समाज की सामाजिक और राजनेतिक रक्षा के लिए बनाया था ।

उन्हीं पार्टियों में घुसे रहे जो पार्टी तुमसे और तुम्हारे समाज से सबसे ज्यादा नफ़रत करती हैं...

उनकी ही जिंदाबाद करते रहे...

जो तुम्हें आँख की किरकिरी समझते हैं.....

अब रोओं....

धहाड़े मार मारकर...

कोई नहीं पूछेगा तुम्हें...

कोई भी नहीं....???????

💯✔
                पीयूष मोबारसा
                  पाली ( राज.)

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